| Genre | Batla House | 
| Language | Hindi | 
तू बनजा वो समंदर
 कर पार सके ना कोई
 रख आग तू ऐसी अंदर
 ललकार सके ना कोई 
जाको रखे साइयां मार सके ना कोई
 जाको रखे साइयां मार सके ना कोई 
हो.. जितने हो अंधेरे
 इक लॉ से डर जाते हैं
 उस लॉ से तू भी रोशन कर मशाले बंदेया 
अब तो ये मौक़ा है
 तू हिम्मत वो दिखला दे
 के ज़माना दे ये तेरी ही मिसालें बंदेया 
ऐसा इतिहास रचा दे
 इंकार सके ना कोई
 फ़ौलाद हो तेरे इरादे
 ललकार सके ना कोई 
जाको रखे साइयां मार सके ना कोई
 जाको रखे साइयां मार सके ना कोई 
दिन ना देखे
 रात ना देखे
 की आव अंबर
 बरसात ना देखे* 
तू खेल जा ऐसी बाज़ी
 के पिशाद सके ना कोई
 हो लहू हो तेरा राज़ी
 ललकार सके ना कोई 
जाको रखे साइयां मार सके ना कोई
 जाको रखे साइयां
 साइयां..